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गोविंदा को कभी नहीं मिला पिता का प्यार, अरुण अहूजा ने बेटा मानने से कर दिया था इनकार, जानें वजह

 बॉलीवुड अभिनेता गोविंदा ने अपने शानदार करियर के दौरान कई ब्लॉकबस्टर फिल्में दी हैं। अपने प्रफुल्लित करने वाले संवादों, मजाकिया भावों और सबसे विचित्र हरकतों से गोविंदा ने दर्शकों तब तक हंसाया, जब तक कि उनके पेट में दर्द नहीं हो गया।

govinda and arun ahuja

अब तक कॉमेडी के बादशाह के रूप में जाने जाने वाले, 59 वर्षीय गोविंदा ने 165 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है, जिसमें कुली नंबर 1, राजा बाबू, अंखियों से गोली मारे और हीरो नंबर 1 शामिल हैं। इन फिल्मों के जरिये गोविंदा ने अपने प्रशंसकों का भरपूर मनोरंजन किया। फैंस ने गोविंदा को खूब स्नेह दिया।

हालांकि, गोविंदा की निजी जिंदगी से जुड़े कई वाकये अब तक उनके फैंस को नहीं पता है। क्या आप जानते हैं दिवंगत अभिनेता-निर्माता अरुण कुमार अहूजा के बेटे गोविंदा के अपने पिता के साथ संबंधों में बिल्कुल भी मिठास नहीं थी? कथित तौर पर, अभिनेता के पिता उन्हें अपना बेटा मानने को ही राजी नहीं थे। उन्होंने गोविंदा को बेटे के रूप में स्वीकार करने से साफ इनकार कर दिया था।

अरुण अपने समय के एक लोकप्रिय अभिनेता थे, जिन्हें मदर इंडिया, अदालत और हरियाली और रास्ता जैसी फिल्मों में देखा गया। उन्होंने 1941 में गायिका और अभिनेत्री निर्मला देवी से शादी की। वह एक मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखती थीं, लेकिन अरुण से शादी के बाद उन्होंने अपना नाम नाजिम से बदलकर निर्मला रख लिया। हालांकि क्लासिकल गायिका निर्मला के गर्भ धारण करने के बाद परिवार में परेशानी शुरू हो गई।

जब गोविंदा अपनी मां की कोख में थे, तबू उनकी मां निर्मला ने साध्वी बनने का फैसला ले लिया। 21 दिसंबर, 1963 को गोविंदा के जन्म के बाद, निर्मला पूर्ण रूप से एक साध्वी के रूप में सामने आयी और अपने पति अरुण के साथ किसी भी तरह के अंतरंग या शारीरिक संबंधों से खुद को दूर रखा। कथित तौर पर, निर्मला के फैसले से गोविंदा के पिता नाराज हो गए और उन्होंने अपनी पत्नी के साध्वी बनने के फैसले के लिए अपने बेटे को जिम्मेदार ठहराया।

गोविंदा ने कई बार मीडिया को दिये गये इटरव्यूज़ में इस बारे में खुल कर बात की और खुलासा किया कि उनकी मां ने उनके पिता के साथ कोई भी शारीरिक संबंध रखने से परहेज किया। खबरें तो ये भी हैं कि अरुण अहुजा ने गोविंदा को अपने साथ खेलने के लिए कभी गोद में भी नहीं लिया। इस तरह गोविंदा को कभी अपने पिता का प्यार नसीब ही नहीं हुआ। हालांकि, कुछ समय बीत जाने के बाद दोनों के बीच की दूरियां कुछ हद तक कम हो गयी थी।

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